यादों का पिटारा


आज काफी समय बाद मेरे दिल में एक ख्याल आया,

आखिर कहाँ गए वो दिन जब हम खुश हुआ करते थे,

ऐसा एक सवाल आया। 

तभी मेरे अंदर से एक आवाज़ आयी

और वो चहकते हुए बोली,

अरे वो दिन तो तुम्हारे दिल में अभी भी यादों की तरह कैद हैं,

कभी अपने यादों का पिटारा तलाश कर के तो देखो।।

मिल जाएंगे तुम्हे वो दिन, वो लोग, और वो जीने का तरीका,

कभी अपनी यादों को फिर से जी कर के तो देखो।।

खुश रहना तो जीने का एक ज़रिया है, ऐसा एक एहसास होगा,

फिर वो ख़ुशी भरा पल तुम्हारे और पास होगा।।

मिट जाएंगे गम के वो सारे क्षण तुम्हारे जीवन से,

कभी उन ख़ुशी भरे लम्हों को याद कर, अपने ग़मों को भुला कर के तो देखो।।


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